अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर से किसानों का दिल्ली कूच सुबह 11 बजे शुरू हो गया। पहला ट्रैक्टर इस आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले शहीदों के नाम का निकला। इसके बाद अन्य किसानों के ट्रैक्टर बॉर्डर से गुजरे। दोपहर तक 3000 से ज्यादा वाहन मानेसर के लिए रवाना हुए। परेड में ट्रैक्टर से ज्यादा जीप और कारें हैं। हरियाणा पुलिस जयपुर-दिल्ली हाईवे से एक-एक ट्रैक्टर को आगे जाने दे रही है। ज्यादातर वाहनों पर तिरंगा और किसान यूनियन के झंडे लगे हैं। साथ ही देशभक्ति गाने बज रहे हैं।
अपडेट्स:
- शाहजहांपुर बॉर्डर से शुरुआत में निकले किसान मानेसर से 25 किमी दूर तक पहुंच चुके हैं। लेकिन, आगे जाम लगा है। ऐसे में अभी शाहजहांपुर बॉर्डर से रवाना हुए किसान वहीं जाम में फंसे हैं।
- RLP सांसद हनुमान बेनीवाल दोपहर 1.40 बजे करीब 60 ट्रैक्टरों के जत्थे के साथ शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे। वे जब यहां पहुंचे तो परेड में शामिल होने वाले ज्यादातर किसान बॉर्डर से जा चुके थे।
- शाहजहांपुर बॉर्डर में हाईवे पर करीब 3 किलोमीटर तक किसानों के टेंट लगे हुए हैं। इनमें अभी भी बुजुर्ग किसान बैठे हैं। परेड में ज्यादातर युवा किसान ही गए हैं।
- एक ट्रैक्टर पर 5-7 लोग बैठे हैं। जीप और कारें भी हैं। फिलहाल, पुलिस किसी को रोक नहीं रही है। जबकि, इससे पहले हरियाणा सरकार ने 1500 ट्रैक्टर और एक पर 3 लोगों को बैठने की अनुमति दी थी।
- किसानों का बड़ा कूच 11 बजे से शुरू हुआ, लेकिन कुछ जत्थे पहले ही जयपुर-दिल्ली हाईवे से बॉर्डर की तरफ बढ़ चुके थे। पुलिस अभी बॉर्डर पार करने वाले किसी भी व्यक्ति को रोक नहीं रही है।
- पूरी परेड में किसी भी राजनीतिक पार्टी का झंडा नजर नहीं आया है। इसका कारण यह है कि किसान नेताओं ने पहले ही राजनीतिक पार्टियों से इस परेड से दूर रहने की अपील की थी।
शाहजहांपुर से 65 किमी यानी मानेसर तक जाने की अनुमति
हरियाणा पुलिस ने शाहजहांपुर बॉर्डर से जाने वाले किसानों को 65 किमी दूर मानेसर तक ही जाने की अनुमति दी है। यानी जयपुर-दिल्ली हाईवे पर दिल्ली से 50 किमी पहले ही शाहजहांपुर बॉर्डर से जाने वाले किसानों को रोक दिया जाएगा। मानेसर में एक सरकारी कॉलेज में ध्वजारोहण होगा। किसानों को इसी कार्यक्रम में शामिल होने के बाद लौटना होगा।
4 राज्यों के करीब 8 हजार किसान पहुंचे
शाहजहांपुर बॉर्डर पर राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के करीब 8 हजार से ज्यादा किसान जुटे हैं। यहां देर रात से किसानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। शाहजहांपुर बॉर्डर पर सुबह खाना तैयार किया गया। इसके बाद किसानों ने खाना खाया और फिर दिल्ली की ओर कूच किया।
बॉर्डर पर 5000 से ज्यादा जवान तैनात
शाहजहांपुर बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के करीब 5000 से ज्यादा जवान तैनात हैं। किसानों के साथ भी पुलिस की कुछ गाड़ियां गई हैं। साथ ही, हाईवे पर जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। हाईवे की एक लेन पर किसान और दूसरी में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं।
2 दिसंबर से शुरू हुआ था आंदोलन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ शाहजहांपुर बॉर्डर पर 2 दिसंबर से आंदोलन शुरू हुआ था। इसके बाद किसानों ने नेशनल हाईवे-48 अपना डेरा जमा लिया था। 25 दिसंबर से हाईवे की दोनों साइड की लेन पूरी तरह बंद कर दी गई थीं। तभी से दिल्ली-जयपुर हाईवे पूरी तरह से बंद है।