गाजीपुर फूल मंडी में 14 जनवरी को मिले विस्फोटक के मामले में एनएसजी ने अपनी महत्वपूर्ण रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी है. रिपोर्ट के अनुसार गाजीपुर में लगाए गए बम में आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट टाइमर के साथ ही बैट्री का इस्तेमाल किया गया था. इस विस्फोटक का भार कुल तीन किलो था. एनएसजी के अनुसार ये आरडीएक्स भारत में निर्मित नहीं था और इसे विदेश से दिल्ली तक भेजा गया था. रिपोर्ट के अनुसार यदि ये विस्फोट हो जाता तो भारी जान माल का नुकसान होना तय था.
उल्लेखनीय है कि न्यूज 18 ने घटना के दिन सबसे पहले खुलासा किया था कि विस्फोटक आरडीएक्स और आमोनियम नाइट्रेट है. साथ ही ये भी बताया गया था कि साजिश सीमा पार से रची गई है.
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर फूल मंडी के गेट नंबर 2 के बाहर शुक्रवार को एक लावारिस बैग मिला था जिसमें एक टाइमर बम था. जिसे पहले बम निरोधक दस्ते ने बाहर ही डिफ्यूज करने की कोशिश की लेकिन बाद में उसे एक गड्ढे में डालकर डिफ्यूज किया गया. गड्ढे में बम धमाके साथ डिफ्यूज हुआ. इस दौरान फूल मंडी को भी खाली करवा दिया था और पूरे इलाके को सील कर दिया गया था.
बम निरोधक दस्ते ने पहले बम को निष्क्रिय करने का प्रयास बाहर ही किया. इसके लिए उसे एक रोबोटिक कंटेनर में रखा गया. लेकिन बाद में किसी भी तरह का खतरा नहीं उठाते हुए उसे एक गड्ढे में डाला गया जहां पर जोरदार धमाके के साथ बम डिफ्यूज हो गया. इस दौरान किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
दरअसल, घटना के कुछ दिन पहले ही खुफिया एजेंसियो ने दिल्ली समेत कई राज्यों को एक आतंकी अलर्ट जारी किया था, जिसमें बकायदा यह बताया गया था कि कैसे 26 जनवरी के मद्देनजर लश्कर-ए-तैयबा जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन भीड़भाड़ वाले इलाके प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों बाजारों में आतंकी गतिविधि को अंजाम दे सकते हैं.
मामले की जांच में जुटी कई एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, इस घटना के तार पंजाब से जोड़कर देखे जा रहे हैं और एंटी सोशल एलिमेंट्स एंगल पर भी जांच की जा रही है कि कहीं चुनावों से पहले इस तरह की घटना को कर एजेंसियों को भटकाया तो न जा रहा है.