दिल्ली

Delhi-NCR में बढ़ रही दूध की किल्लत, किसान आंदोलन की वजह से सप्लाई प्रभावित

किसान आंदोलन के बीच अब ​दिल्ली-एनसीआर में ​दूध की सप्लाई करीब 30 लाख लीटर तक कम हो गई है. लॉकडाउन के बाद से यहां हर रोज 70 से 80 लाख लीटर दूध की जरूरत होती है. देश के कई राज्यों सें यहां दूध की सप्लाई होती है.

किसानों के आंदोलन (Farmer Protest) को दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर (Border) पर आज 19वां दिन है. पहले दिन से ही किसान ज़रूरी सामान की किसी भी गाड़ी को न रोके जाने का ऐलान कर चुके हैं. बावजूद इसके दिल्ली-एनसीआर में दूध (Milk) की सप्लाई पर असर दिखाई देने लगा है. दूसरे राज्यों से आने वाले दूध की मात्रा कम हो गई है. दूध कंपनियां अपने इमजरजेंसी प्लान पर आ गई हैं. दूध के छोटे कारोबारी भी दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में दूध की सप्लाई नहीं दे पा रही हैं.

दिल्ली को जरूरत है 70 से 80 लाख लीटर दूध की

दूध कारोबार से जुड़े जानकारों की मानें तो लॉकडाउन के बाद से दिल्ली को हर रोज़ 70 से 80 लाख लीटर दूध की जरूरत होती है. लेकिन किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली की दूध सप्लाई करीब 30 लाख लीटर कम हो गई है. जिसकी बड़ी वजह है छोटे-छोटे दूध कारोबारियों का अपनी गाड़ी लेकर दिल्ली में न आना. वैसे तो ट्रेन के रास्ते दिल्ली में मध्य प्रदेश और गुजरात से भी दूध आता है. साथ ही हरियाणा और यूपी दिल्ली-एनसीआर को दूध की सप्लाई करते हैं. हरियाणा-यूपी से बड़ी दूध कंपनियों संग छोटे कारोबारी भी दूध की स्पलाई करते हैं.

दूध कंपनियों के पास भी कुछ ही दिन का है इमरजैंसी प्लान

डेयरी संचालक निर्वेश शर्मा ने बताया, गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में दूध खूब आता है. पशुओं को हरा चारा ज़्यादा मिलने के चलते वो भी दूध ज़्यादा देने लगते हैं. ऐसे में सप्लाई होने के बाद जो दूध बचता है उसका दूध पाउडर बना लिया जाता है. साथ ही उसमे से मक्खन भी अलग कर लिया जाता है. स्टोरेज क्वालिटी अच्छी होने के चलते मक्खन और दूध पाउडर 18 महीने तक चल जाता है. जब दूध सप्लाई पर कोई संकट आता है या गर्मियों में दूध की सप्लाई कम हो जाती है तो ऐसे में दूध पाउडर और मक्खन को मिलाकर फिर से दूध बना दिया जाता है. लेकिन यह भी कुछ दिन के संकटकाल के लिए होता है.

यूपी-हरियाणा से है सबसे ज़्यादा दूध की सप्लाई  

डेयरी कारोबारी निर्वेश शर्मा की मानें तो यूपी में मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, हरियाणा में पलवल, रोहतक, पानीपत से दूध के बड़े-बड़े टैंकर सुबह-शाम दिल्ली में दूध लेकर जाते हैं. कई बड़ी नामचीन डेयरियों में दूध की सप्लाई देने के साथ ही कुछ छोटी-छोटी गाड़ियों वाले और टंकी वाले भी दिल्ली में दूध लेकर आते हैं. बामुशकिल 2 से 4 फीसद ही दूध के टैंकर पंजाब से आते हैं.

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