अफॉर्डेबल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (एप्सा) के अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया का कहना है कि केजरीवाल सरकार जल्द से जल्द प्राइवेट स्कूलों का ईडब्ल्यूएस रिमबर्समेंट रिलीज करें. स्कूल आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और बहुत से स्कूल बंद होने की कगार पर आ गए हैं.
दिल्ली (Delhi) के प्राइवेट स्कूलों के संचालक अब केजरीवाल सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. स्कूल संचालकों के पांच संगठनों ने सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. स्कूल संचालक ईडब्ल्यूएस फंड जारी करने, ईडब्ल्यूएस व नर्सरी एडमिशन नोटिफिकेशन जारी करने से लेकर स्कूलबंदी से हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने और 1 फरवरी से छठी से लेकर सीनियर सेकेंड्री तक तक स्कूल खोलने की मांग कर रहे हैं. इस संगठन में दिल्लीभर से करीब 500 प्राइवेट स्कूल शामिल हैं.
करीब 500 प्राइवेट स्कूल संचालकों ने दिल्ली के पांच स्कूली संगठनों ने एप्सा, दिसा, निसा, पीएलपीएस और साउथ दिल्ली
एसोसिएशन के नेतृत्व में विरोध स्वरूप गले में बेड़ियां और ताले लटकाकर प्रदर्शन भी किया.
अफॉर्डेबल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (एप्सा) के अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया का कहना है कि केजरीवाल सरकार जल्द से जल्द प्राइवेट स्कूलों का ईडब्ल्यूएस रिमबर्समेंट रिलीज करें. स्कूल आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और बहुत से स्कूल बंद होने की कगार पर आ गए हैं. इस राशि से टीचर्स को सैलरी देने में सहायता मिलेगी. डेवलपिंग इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस (डिसा) के अध्यक्ष सत्यवीर सिंह मावी ने कहा दिल्ली सरकार हर साल 51160 गरीब बच्चों को ईडब्ल्यूएस कोटे में प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाती है. इस साल यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं की गई है और इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए.
वहीं, प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रेमचंद देशवाल का कहना है कि हम गांव देहात में स्कूल चलाते हैं. हम आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. पेरेंट्स फीस नहीं दे पा रहे हैं. स्कूल टीचर्स को सैलरी तक नहीं दे पा रहे हैं. हमारे स्कूल बंद होने की कगार पर आ गए हैं और सरकार हमें जल्द से जल्द आर्थिक मदद दे. अभिभावकों को भी आर्थिक पैकेज दे, ताकि अभिभावक अपने बच्चों की फीस जमा करा पाएं.
उधर, साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में 1 बच्चे पर 82966 सालाना खर्च करती है. 14,99,777 बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और प्राइवेट स्कूलों में लगभग 14 से 15 लाख बच्चे पढ़ते हैं अगर दिल्ली सरकार हर एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे को 3500 रुपए का प्रतिमा प्रत्येक बच्चे को वाउचर दे दे तो पेरेंट्स पर स्कूल की फीस जमा करने का बोझ भी नहीं पड़ेगा और दिल्ली के हर एक बच्चे को मुफ्त शिक्षा का अधिकार मिल जाएगा.